Monday, April 20, 2009

Hum kauwe unmukt gangan ke.....

Following lines are on those free birds who finally got love of their year/life. And I do mean to offned them :P. Happiest birds are those who get love only for day/weak/month......

हम कौवे उन्मुक्त गगन के, लव-शव मैं फस ना पाएंगे

रोना धोना सुन सुन कर दोनों कान पक जायेंगे

हम मदिरा-जल पीने वाले , मर जायेंगे इसकी तलब से

.कहीं भली हैं आती जाती छोरियां , सलवार सुइट मैं लिपटी बाला से

.एस ऍम एस - मिस्स्ड कॉल के बंधन मैं, दोस्तों के नाम नंबर सब bhoole

बससपनों मैं दिख रहे हैं प्ले बॉय गर्ल्स के झूले .

ऐसे थे अरमान की हम भी जीते जवानी खुलके

डालते हर जगह हम दाने और चिडियाएँ आती उनको खाने

.......... One and Only Your Truely

thats it for the time being, btw this is is original you can trust me on that.

4 comments:

उन्मुक्त said...

अच्छी कविता है। हिन्दी में और भी लिखिये।

Unknown said...

when i saw the hindi, i thought it will be something very serious. Why the bhoole in the wrong script? btw, very original! :D

विश्व दीपक said...

Bahut sahi bachu!!

"hum panchhi unmukt gagan ke" ka transformation achha laga. To aap abhi bhi single hi hain :D

sud said...

kya mere dost .. tu to hindi mein kafi acha likh leta hai ...